मर्यादा पुरुषोत्तम राम
मर्यादा पुरुषोत्तम राम,
रघु नंदन प्रभु श्री राम।।०।।
श्राप से अहल्या बनी थी ' पाषाण ' ,
पांव स्पर्श से ' नारी ' बनी चट्टान,
पतितपावन हो प्रभु श्री राम,
जग में अवध है तुम्हारे...
रघु नंदन प्रभु श्री राम।।०।।
श्राप से अहल्या बनी थी ' पाषाण ' ,
पांव स्पर्श से ' नारी ' बनी चट्टान,
पतितपावन हो प्रभु श्री राम,
जग में अवध है तुम्हारे...