मेरी बर्बादी का जश्न... By-Sagar Raj Gupta.
मेरी बर्बादी का जश्न
इधर मेरी बर्बादी का जश्न मन रहा है और तुम वहाँ उदास बैठी हो,
सच बताना अकेली हो या फिर रकिब के साथ बैठी हो,
दिल में उतरना और दिल से उतरने में बस एक पल का फ़ासला होता है,
बेवफाओं की बस्ती में क्यों मेरे यादों और आंसूओ के साथ बैठी हो।
हँस तो रही हो मगर सच में की मेरे लिए दिखावा है,
बसंत की ख्वाहिश की और पतझड़ के...
इधर मेरी बर्बादी का जश्न मन रहा है और तुम वहाँ उदास बैठी हो,
सच बताना अकेली हो या फिर रकिब के साथ बैठी हो,
दिल में उतरना और दिल से उतरने में बस एक पल का फ़ासला होता है,
बेवफाओं की बस्ती में क्यों मेरे यादों और आंसूओ के साथ बैठी हो।
हँस तो रही हो मगर सच में की मेरे लिए दिखावा है,
बसंत की ख्वाहिश की और पतझड़ के...