एक साथ
एक साथ तुम्हारा है काफी,
इस दुनिया की भीड़ मे,
मंज़िल मिले या ना मिले,
रस्ते मे जो तुम हो खड़े,
फिर पता नही वो वक़्त क्या हो,
जब समय ही बेवफा निकले,
बचपन की गुदगुदी के लेकर,
है जवानी अब ढलती,...
इस दुनिया की भीड़ मे,
मंज़िल मिले या ना मिले,
रस्ते मे जो तुम हो खड़े,
फिर पता नही वो वक़्त क्या हो,
जब समय ही बेवफा निकले,
बचपन की गुदगुदी के लेकर,
है जवानी अब ढलती,...