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तेरा ख्याल
तुम्हारे ख्यालों में खोकर निखर जाती हूँ
बिन श्रृंगार किए ही संवर जाती हूँ।
तेरे सोच में ही खोई सी है यह ज़िंदगी,
प्यार की राहों पे मदहोश चली जाती हूँ।
तेरी चाहत में सदियां गुजारना चाहती हूँ,
तुझे ख्वाबों में सजाकर निखर जाती हूँ।
तेरी हंसी के साथ झिलमिल जगमगाती हूँ,
तेरे प्यार में सराबोर तेरे रंग में नजर आती हूँ।
मेरे दिल की धड़कनें तेरे नाम गुनगुनाती हैं,
तेरी यादों में रातें अक्सर जाग कर बिताती हूँ।
तेरे प्यार से बढ़कर कुछ नहीं मेरे लिए सनम
तेरे साथ जीने की आस में ही तो जिए जाती हूँ।
मिलन की ख्वाइशों के जुगनू को सहेज रखती हूँ
एक दिन होगा मिलन, चाह में तेरी ओर कदम बढ़ाती हूँ
© ऋत्विजा
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