...

2 views

दाम्पत्य जीवन की स्वर्ण जयंती
आई रे आई शुभ घड़ी आई,
आपसे जुड़े हर हृदय में,
उमंगों की सुनामी लाई,
जान्हवी बंगलोज़ में आज,
अलग ही छटा छाई,
चहुँओर खुशियां ही खुशियां समाईं,
आपके दांपत्य जीवन की स्वर्ण जयंती आई।

वही शुभ घड़ी है जब,
दो जिंदगियां बनीं एक दूजे की परछाई,
अपनी जीवन यात्रा में आपने,
मिलकर प्रेम की मधुर सरगम ही गाई,
बगीचे के फूल हों या हों नभ के सूर्य चंद्र और तारे,
एक स्वर में सभी दे रहे आप दोनों को बधाई।

इस युगल के प्रेम पर पड़े न कभी कोई अशुभ परछाई,
इसी कामना संग विवाह की स्वर्ण जयंती की,
मेरे प्यारे काका जी एवं काकी जी को ढेरों बधाई।

© kalyani