...

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नया दौर,,
इस नए दौर में,
नए खेल हैं,
नए भेष हैं,
बदल गया सब,
अब पुराना कुछ बचा नहीं।

ख्वाब भी बदले,
उनके मायने भी बदले,
खुद से आगे बढ़ने की दौड़ में,
रिश्तों के धागे भी उलझे।

हवा में अब वो खुशबू नहीं,
जिससे दिल सुकून पाता था,
आसमान में अब वो रंग नहीं,
जो बचपन में दिखता था।

हर पल नया है,
हर पल...