...

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काया
पुष्प खिलात काया मन भावन, स्पर्श मात्र कंपन सी लागत,

सफेद परिपाटी की छुअन में विस्तृत, विस्मयबोधक चिन्ह की द्योतक,

तितर-बितर की केंद्रित नभकर्णी, घेरे में हमरे नयन टिकावत,

जड़ीबूटी की मिश्रित प्रणाली, पाने हेतु समीप आ जावत,

कथित व्यथा सी तपोभूमि समापन, त्रिलोक की स्वप्नसुंदरी सी जानत,

देह की रंगत विभिन्न संयुक्ति, आसक्तियों में देह के अर्थ बतावत।।


© Pooja Gautam