इश्क़ इश्क़
क्यूं लोग यहाँ इश्क़ इश्क़ करते रहते हैं
क्या है ऐसा जो इश्क़ इश्क़ करते रहते हैं
जवानी ठीक से शुरू भी ना हुई
पग अपना सही से रखने ना आया
मुख से सही से जबान बोल ना पाया
कि दर्द-ऐ-दिल आशिकी कर लिये
दे दिये दिल किसी को अपना
वो अपना दिल भले ना दिये
चलो मान भी लिया समझ भी लिया तुम्हारे इश्क़ को
पर तुम ही बोले थे ये इश्क़ है यारा
तू ना समझेगा जब तुझे होगा तभी समझेगा
पर आज तू ही मुझे इश्क़ करने से रोक रहा
बन कर उसके इश्क़ में शायर
आज मैखाने में बैठ मय से इश्क़ इश्क़ कर रहा
क्या फायदा ऐसे इश्क़ का मैं पूछता हूँ
दिखला कर...
क्या है ऐसा जो इश्क़ इश्क़ करते रहते हैं
जवानी ठीक से शुरू भी ना हुई
पग अपना सही से रखने ना आया
मुख से सही से जबान बोल ना पाया
कि दर्द-ऐ-दिल आशिकी कर लिये
दे दिये दिल किसी को अपना
वो अपना दिल भले ना दिये
चलो मान भी लिया समझ भी लिया तुम्हारे इश्क़ को
पर तुम ही बोले थे ये इश्क़ है यारा
तू ना समझेगा जब तुझे होगा तभी समझेगा
पर आज तू ही मुझे इश्क़ करने से रोक रहा
बन कर उसके इश्क़ में शायर
आज मैखाने में बैठ मय से इश्क़ इश्क़ कर रहा
क्या फायदा ऐसे इश्क़ का मैं पूछता हूँ
दिखला कर...