सुबह चिड़िया मेरे आंगन में आई....
सुबह चिड़िया मेरे आंगन में आई!
अपनी दर्द भरी कहानी सुनाने आई
नादाना है ना पानी है कैसी यह जिंदगानी
है टुकड़े-टुकड़े कर घर बनाती हूं
पत्थर मार आशियाने को बर्बाद करते हैं लोग!!
सुबह चिड़िया मेरे आंगन में आई!
अपनी दर्द भरी कहानी सुनाने आई
पत्थर मारे बच्चे भी...
अपनी दर्द भरी कहानी सुनाने आई
नादाना है ना पानी है कैसी यह जिंदगानी
है टुकड़े-टुकड़े कर घर बनाती हूं
पत्थर मार आशियाने को बर्बाद करते हैं लोग!!
सुबह चिड़िया मेरे आंगन में आई!
अपनी दर्द भरी कहानी सुनाने आई
पत्थर मारे बच्चे भी...