...

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सुबह चिड़िया मेरे आंगन में आई....
सुबह चिड़िया मेरे आंगन में आई!
अपनी दर्द भरी कहानी सुनाने आई
नादाना है ना पानी है कैसी यह जिंदगानी
है टुकड़े-टुकड़े कर घर बनाती हूं
पत्थर मार आशियाने को बर्बाद करते हैं लोग!!

सुबह चिड़िया मेरे आंगन में आई!
अपनी दर्द भरी कहानी सुनाने आई
पत्थर मारे बच्चे भी मर जाते
इंसान को बचाने के लिए
धरती आसमान एक कर जाते हैं!!

सुबह चिड़िया मेरे आंगन में आई!
अपनी दर्द भरी कहानी सुनाने आई
चाहते हैं हम बस इतना
कदर करो हमारी
पत्थर मारकर ना बर्बाद करो हमें!!

सुबह चिड़िया मेरे आंगन में आई!
अपनी दर्द भरी कहानी सुनाने आई
बोल नहीं सकते मगर जज्बात होते हैं
दुख होने पर आंखों से आंसू बहते हैं
खुश होने पर झूम जाते हैं
सुबह चिड़िया मेरे आंगन में आई!!

thank you all friends 😀😀😀😀
© neha