मेरा शहर आगरा
प्यार की नगरी से है जिसकी जग में पहचान,
जहां के ज़र्रे ज़र्रे में बसता है मुगलों का मान,
उसी आगरा शहर में जन्मी और यही बनी मेरी पहचान,
पेठा दालमोठ प्रसिद्ध है जिसके देश के कोने कोने में,
उसी जगह बेढेई कचोरी की महफ़िल सजती हर कोने में,
ताजमहल के दीदार से शुरू होता सफर जहां,
आगरा किला मेहताब बाग को भी कम नहीं समझा जाता यहां,
चमड़े की हर बारीकी...
जहां के ज़र्रे ज़र्रे में बसता है मुगलों का मान,
उसी आगरा शहर में जन्मी और यही बनी मेरी पहचान,
पेठा दालमोठ प्रसिद्ध है जिसके देश के कोने कोने में,
उसी जगह बेढेई कचोरी की महफ़िल सजती हर कोने में,
ताजमहल के दीदार से शुरू होता सफर जहां,
आगरा किला मेहताब बाग को भी कम नहीं समझा जाता यहां,
चमड़े की हर बारीकी...