...

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होम करते भी हाथ जलते हैं
उपकार
हम दूसरों पर
पर करते हैं
और
बदले में पाते हैं
मूर्खता तथा
बेवकूफी की उपाधि
अजीब हैं ये
दुनिया वाले
तथा
उनके रस्मों रिवाज़
जो ईर्ष्या की आँच में
बर्फ की तरह
गलते हैं
बदल गई है
मान्यताओं की परिभाषा
अब तो
होम करते ही
हाथ जलते हैं।

#होम करते भी हाथ जलते हैं #वैष्णो खत्री #वेदिका #©®