चाँद by MoonsFeeling
कल ऑफिस से देर रात घर की ओर चल रहा था
सड़के सुनसान और खाली थी और मैं तन्हा चल रहा था कुछ अजीब सी आवाज तो सुनाई दे रही थी मुझ,
पर वह किसी जीव जंतु कि नहीं शायद वह काली रात सन्नाटे की थी खैर मैं डर नहीं रहा था ....................
कुछ दो कदम चलते चलते अचानक मेरी नज़र उस काले आसमान पर पड़ी जहाँ पर चाँद अकेला था
फिर मेरे मन में एक ख्याल आया की चांद कितना बड़ा एग्जांपल है ना अकेलेपन का,
सितारों के बीच अकेला,...
सड़के सुनसान और खाली थी और मैं तन्हा चल रहा था कुछ अजीब सी आवाज तो सुनाई दे रही थी मुझ,
पर वह किसी जीव जंतु कि नहीं शायद वह काली रात सन्नाटे की थी खैर मैं डर नहीं रहा था ....................
कुछ दो कदम चलते चलते अचानक मेरी नज़र उस काले आसमान पर पड़ी जहाँ पर चाँद अकेला था
फिर मेरे मन में एक ख्याल आया की चांद कितना बड़ा एग्जांपल है ना अकेलेपन का,
सितारों के बीच अकेला,...