जिन्दगी की दास्तान
दस्तक देता हर एक पल, इम्तिहान से भरा है कल
खोजता सुकूं का तिनका , गुम गया मासूम कहां
बेचैन है हर एक जर्रा , ढूंढता है साथी अपना
दुखरा रोती किससे जिन्दगी , थी अकेली इस भंवर मे
दोष देता हर एक नगमा, निष्ठुरता का मिलता...
खोजता सुकूं का तिनका , गुम गया मासूम कहां
बेचैन है हर एक जर्रा , ढूंढता है साथी अपना
दुखरा रोती किससे जिन्दगी , थी अकेली इस भंवर मे
दोष देता हर एक नगमा, निष्ठुरता का मिलता...