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मेरे बाद तुम न अश्क बहाया करना
मेरे बाद तुम न अश्क बहाया करना
मुहब्बत को सरेआम न नुमाया करना

आया करूंगा ख्वाबों में मैं कभी कभी
जाग कर न पलकों को सताया करना

सीने में दफ़न की है लाश हसरतों की
इस राज़ को न तशहीर बनाया करना

चुन कर रखे है कुछ फूल कागजों पे
तुम कभी कबार मुझे गुनगुनाया करना

हां पसंद है मुझे सोंधी बारिश सावन की
खोल झरोखे थोड़ा भीग जाया करना

शिकायत नही मुझे इस तगाफुल ज़माने से
तुम जिंदगी को हकायक से मिलाया करना
© manish (मंज़र)