तू बस बढ़ता जा...चलता जा...
जिंदगी है तेरी,तो क्यों नही चूनता है तू खुशियों को!!
क्यो चंद भर की मुश्किलों से हार मान कर, तू अपनी मंजिल से दूर हो जाता है!!
क्यो दिल में ले बैठता है उन बातों को जो कभी तेरी थी ही नहीं!!
तुझे तो हर वो मंजिल को सच कर दिखाना...
क्यो चंद भर की मुश्किलों से हार मान कर, तू अपनी मंजिल से दूर हो जाता है!!
क्यो दिल में ले बैठता है उन बातों को जो कभी तेरी थी ही नहीं!!
तुझे तो हर वो मंजिल को सच कर दिखाना...