तू बस बढ़ता जा...चलता जा...
जिंदगी है तेरी,तो क्यों नही चूनता है तू खुशियों को!!
क्यो चंद भर की मुश्किलों से हार मान कर, तू अपनी मंजिल से दूर हो जाता है!!
क्यो दिल में ले बैठता है उन बातों को जो कभी तेरी थी ही नहीं!!
तुझे तो हर वो मंजिल को सच कर दिखाना है,जिसकी तू आस करता है!!
हर रूठी मुस्कान को दूर भगाना है,जिसके लिए तू चाह करता है!!
तू रुक मत....तू बस बढ़ता जा....
क्योंकि एक दिन तू खुद को गले लगाएगा, खुद के बलबूते में सबके सपने सच कर दिखाएगा!!
तू बस बढ़ता जा....चलता जा...
अपने अतीत से सीखकर,तू खुद की राह बनाता जा
मुश्किले तो होगी राह पर,पर खुद मै हौसला रखकर
अपनी मंजिल की ओर तू बढता जा.....जा।।
क्यो चंद भर की मुश्किलों से हार मान कर, तू अपनी मंजिल से दूर हो जाता है!!
क्यो दिल में ले बैठता है उन बातों को जो कभी तेरी थी ही नहीं!!
तुझे तो हर वो मंजिल को सच कर दिखाना है,जिसकी तू आस करता है!!
हर रूठी मुस्कान को दूर भगाना है,जिसके लिए तू चाह करता है!!
तू रुक मत....तू बस बढ़ता जा....
क्योंकि एक दिन तू खुद को गले लगाएगा, खुद के बलबूते में सबके सपने सच कर दिखाएगा!!
तू बस बढ़ता जा....चलता जा...
अपने अतीत से सीखकर,तू खुद की राह बनाता जा
मुश्किले तो होगी राह पर,पर खुद मै हौसला रखकर
अपनी मंजिल की ओर तू बढता जा.....जा।।