बिना मोहब्बत के
जबरदस्ती से कोई भी ज़िंदगी में शामिल नहीं होता
बिना मोहब्बत के दिल में कोई दाख़िल नहीं होता
मन में मिलन की आस और प्यास होनी चाहिए
वरना ज़िंदगी से निकल जाना मुश्किल नहीं होता
साथ मिले ना मिले बस चाहते रहना अपने हाथ है
बिना रब की मर्ज़ी प्यार रिश्ते में तब्दील नहीं होता
जिंदगी से निकल जाने से यादें निकल नहीं जाती
अधूरी मोहब्बत करनेवाला पत्थर सा दिल नहीं होता
प्यार में लगाव से ज्यादा झुकाव और रुकाव जरूरी है
दिल में त्याग चाहिए स्वार्थ से प्यार हासिल नहीं होता
© Rashmi Kaulwar
बिना मोहब्बत के दिल में कोई दाख़िल नहीं होता
मन में मिलन की आस और प्यास होनी चाहिए
वरना ज़िंदगी से निकल जाना मुश्किल नहीं होता
साथ मिले ना मिले बस चाहते रहना अपने हाथ है
बिना रब की मर्ज़ी प्यार रिश्ते में तब्दील नहीं होता
जिंदगी से निकल जाने से यादें निकल नहीं जाती
अधूरी मोहब्बत करनेवाला पत्थर सा दिल नहीं होता
प्यार में लगाव से ज्यादा झुकाव और रुकाव जरूरी है
दिल में त्याग चाहिए स्वार्थ से प्यार हासिल नहीं होता
© Rashmi Kaulwar
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