ग़ज़ल
उनसे हुआ है इश्क़ जताऊं मैं किस तरह,
मन में दबी वो बात बताऊं मैं किस तरह।
तोड़े हैं ज़िन्दगी ने कई ख़्वाब जब मेरे,
ख़्वाबों में तुमको अपने सजाऊं मैं किस तरह।
तुम हो ख़फ़ा उधर तो मैं बेचैन...
मन में दबी वो बात बताऊं मैं किस तरह।
तोड़े हैं ज़िन्दगी ने कई ख़्वाब जब मेरे,
ख़्वाबों में तुमको अपने सजाऊं मैं किस तरह।
तुम हो ख़फ़ा उधर तो मैं बेचैन...