...

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ZINDGI
जिन्दगी का कैसा ये सफर,
है ये कैसी डगर,
चलते तो है सब मगर,
कोई समझा नही कोई जाना है,
जिन्दगी को बहुत प्यार हमने किया
मौत से भी अब मोहब्बत निभायेंगें,
रोते -रोते जमाने मे आये मगर,
हँसते-हँसते यहाँ से जायेंगें हम,
पर जायेगे किधर,
ये किसको है खबर,
ऐसा जीवन भी है जो जिये ही नही,
जिनको जीने से पहले ही मौत आ गई,
फूल ऐसे भी जो खिले ही नही,
जिनको खिलने से पहले फिजा खा गई।
© S.Sangwan 💜