वो नहीं था, मेरा दिल था।
बेवफा था वो शायद,
बेवफाई के काबिल था,
जैसा भी था, जहां भी था,
जो भी था, मेरा दिल था।
जहां आखरी मुलाकात हुई,
याद आया है,एक साहिल था,
तुम अच्छे थे,बुरी मैं भी नहीं थी,
जो कुसूरवार था,मेरा दिल था।
मोहब्बत सिखाई थी उसने मुझे,
चाहने के काबिल था,
तलबगार था जो चाहत का,
वो नहीं...
बेवफाई के काबिल था,
जैसा भी था, जहां भी था,
जो भी था, मेरा दिल था।
जहां आखरी मुलाकात हुई,
याद आया है,एक साहिल था,
तुम अच्छे थे,बुरी मैं भी नहीं थी,
जो कुसूरवार था,मेरा दिल था।
मोहब्बत सिखाई थी उसने मुझे,
चाहने के काबिल था,
तलबगार था जो चाहत का,
वो नहीं...