प्रकृति स्पर्श
निर्मल जल की धार है,
यादों की बौछार है,
सिरह गयी फिर से जमीं,
बादलों का ये प्रभाव...
यादों की बौछार है,
सिरह गयी फिर से जमीं,
बादलों का ये प्रभाव...