...

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मुझे टूटने नहीं दिया।
ये ख्याल मेरे जहन का, मुझे टूटने नहीं दिया
रोएगी मां मेरी सोचकर, खुद को बदलने नहीं दिया।

मेरी मां की आंखो में एक बूंद आंसू ना आए
कर्तव्य ये मेरा एक पल, मुझे भटकने नहीं दिया।

ये ख्याल मेरे जहन का, मुझे टूटने नहीं दिया।

लगे ना चोट कोई इसलिए साथ कभी छूटने नहीं दिया,
कितने कष्टों से पाला मां ने मुझे बचपन में,
दर्द खुद सहे लेकिन मुझे कभी रोने नहीं दिया।

बीमार होने पर दिन रात जागकर ध्यान रखा,
कष्ट कितना सहा, राज ये कभी खुलने नहीं दिया।

ये ख्याल मेरे जहन का, मुझे टूटने नहीं दिया।

स्वयं लड़ी इस दुनिया से मुझे कभी लड़ने नहीं दिया,
रहीं भूखी रातों को पर मुझे कभी भूखा रहने नहीं दिया।

ये ख्याल मेरे जहन का, मुझे टूटने नहीं दिया।

© Mγѕτєяιουѕ ᴡʀɪᴛᴇR✍️