खो दिया हैं मैंने।।...
#एकस्वरकविता
कुछ नहीं मेरे पास खोने को,
मैंने अपना सबकुछ बहुत पहले ही खो दिया हैं।
अपनी चंचल मुस्कुराहट, अपनी बेफिक्र अंदाज,
अपनी कहानी, अपनी निश्छल आंसू, अपनी मासूमियत, अपनी आत्मा, मैंने तो अपना शरीर खो दिया हैं।
मस्तमौलापन मेरा, मेरा बचपन, नादानी मेरी,
वो भोलापन...
कुछ नहीं मेरे पास खोने को,
मैंने अपना सबकुछ बहुत पहले ही खो दिया हैं।
अपनी चंचल मुस्कुराहट, अपनी बेफिक्र अंदाज,
अपनी कहानी, अपनी निश्छल आंसू, अपनी मासूमियत, अपनी आत्मा, मैंने तो अपना शरीर खो दिया हैं।
मस्तमौलापन मेरा, मेरा बचपन, नादानी मेरी,
वो भोलापन...