...

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जंजीर
#जंजीर
इन जंजीरों को तोड़कर
रुख हवा का मोड़कर
परिंदे सी उड़ान भर
असीमित क्षितिज को छूने
चल पड़े हैं नई राहों पर
कठिन परिस्थितियों से लड़कर
नई बुलंदियों को छूने।
© पूर्णिमा मंडल अनकहे एहसास

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