मजबूरी
#मजबूरी
झूठ नहीं मजबूरी है,
तुम जानों क्या क्या ज़रूरी है;
कर रही हू जल्दबाजी
फिर भी सबूरी है
...
झूठ नहीं मजबूरी है,
तुम जानों क्या क्या ज़रूरी है;
कर रही हू जल्दबाजी
फिर भी सबूरी है
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