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मजबूरी
#मजबूरी
झूठ नहीं मजबूरी है,
तुम जानों क्या क्या ज़रूरी है;
कर रही हू जल्दबाजी
फिर भी सबूरी है
मोहब्बत का तो बस नाम लेते लोग,
प्यार जबरदस्ती नहींआत्म मंजूरी है;
नंगे बदन की भी अपनी धुरी है,
बिन तुम्हारे ये पूरी दुनिया भी अधूरी है;
© Andy 420...........
झूठ नहीं मजबूरी है,
तुम जानों क्या क्या ज़रूरी है;
कर रही हू जल्दबाजी
फिर भी सबूरी है
मोहब्बत का तो बस नाम लेते लोग,
प्यार जबरदस्ती नहींआत्म मंजूरी है;
नंगे बदन की भी अपनी धुरी है,
बिन तुम्हारे ये पूरी दुनिया भी अधूरी है;
© Andy 420...........
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