...

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जीवन गुल

रोज नइ आश लिए
आँखो में उगते जीवन गुल।
आँधी,तूफान, संघर्षों से
जूजा करते जीवन गुल।।

पता है शाम होते बिखर जाना है
धूप-छाँव की बारिशो में ,
भीगते जीवन गुल।।

कभी रिश्तों की खूशबू से भरे
तो कभी दुःखों के काँटो से,
जुडते जीवन गुल।।

उम्र के हर मोड पर रंगबिरंगे
कोमल ह्दय रख कठोरता से ,
डरते जीवन गुल।।

खुशियों की तितलियाँ झूमती यहाँ
मुसिबत के मँडराते भँवरो को
सहते जीवन गुल।।

सौम्यसृष्टि

© Somyashrusti