वो सफ़र यूं गुज़र गया
तोहफ़ों में मुझे तन्हाई मिली
हर वक़्त मुझे रुस्वाई मिली
झूठे मूठे लफ़्ज़ों के पीछे तो
लोगों की मुझे सच्चाई मिली
ज़ख़्म यूं ही नहीं सुलगते है
ज़माने से मुझे सौदाई मिली
बनावटी चेहरे-मोहरे बहुत है
सवालों की मुझे गहराई मिली
उम्र का तन्हा सफ़र चारों...
हर वक़्त मुझे रुस्वाई मिली
झूठे मूठे लफ़्ज़ों के पीछे तो
लोगों की मुझे सच्चाई मिली
ज़ख़्म यूं ही नहीं सुलगते है
ज़माने से मुझे सौदाई मिली
बनावटी चेहरे-मोहरे बहुत है
सवालों की मुझे गहराई मिली
उम्र का तन्हा सफ़र चारों...