तुम कौन हो ?
तुम निकट होती तो तुम्हें बताता की कारण तुम हो मेरी व्याकुलता और मुस्कुराने का,
क्या करूं, क्या नहीं, क्या ये वक्त है इस द्वंद में होने का?
खुशियों का मेरी तुम अंत हो, आरंभ हो,
कविताओं का मेरी केंद्र हो, प्रारंभ हो ।
मेरे मुख का तेज हो, मेरी आंखो का पानी भी,
तुम रचनाकार हो, तुम कहानी भी।
मेरे संकल्प की दृढ़ता हो , लक्ष्य हो, शिखर हो,...
क्या करूं, क्या नहीं, क्या ये वक्त है इस द्वंद में होने का?
खुशियों का मेरी तुम अंत हो, आरंभ हो,
कविताओं का मेरी केंद्र हो, प्रारंभ हो ।
मेरे मुख का तेज हो, मेरी आंखो का पानी भी,
तुम रचनाकार हो, तुम कहानी भी।
मेरे संकल्प की दृढ़ता हो , लक्ष्य हो, शिखर हो,...