धूल के फूल है ये...
#धुल
शुर धुल से घुले मिले हैं
तभी तो रण में डटे पड़े हैं;
हुंकारों से शत्रु घीघ बने पड़े है,
कितनों के चिथडे पडे हुए...
शुर धुल से घुले मिले हैं
तभी तो रण में डटे पड़े हैं;
हुंकारों से शत्रु घीघ बने पड़े है,
कितनों के चिथडे पडे हुए...