दोस्ती
दोस्ती हमारी ऐसी थी,,,
दिखावा नहीं बस प्रीत थी,,
वैसे नजर लगने पर विश्वास नहीं करती थी मैं,,,
पर अब ऐसा लगता है कि मेरी दोस्ती को नजर लग गयी,,,
अटूट विश्वास और प्रेम के बाद भी दूरी बढ़ गयी,,
कब, क्या और क्यूं हुआ मैं कुछ समझ ना पायी,,,
इतनी मजबूत होते हुए भी मैं खुद को बहुत...
दिखावा नहीं बस प्रीत थी,,
वैसे नजर लगने पर विश्वास नहीं करती थी मैं,,,
पर अब ऐसा लगता है कि मेरी दोस्ती को नजर लग गयी,,,
अटूट विश्वास और प्रेम के बाद भी दूरी बढ़ गयी,,
कब, क्या और क्यूं हुआ मैं कुछ समझ ना पायी,,,
इतनी मजबूत होते हुए भी मैं खुद को बहुत...