बचपन का चश्म
बचपन का चश्म लिये
हम..गलियों में खेला करते हैं
कल देखेंगे क्या होगी जवानी
आज गुनगुनी धूप से ही..इश्क़ किया करते हैं
कल न यह दिन होंगे न यह मेले
आज पापा के काँधे पर..नगर घूम आया करते हैं
खिलौनें तो जागीर हैं हमारी...
हम..गलियों में खेला करते हैं
कल देखेंगे क्या होगी जवानी
आज गुनगुनी धूप से ही..इश्क़ किया करते हैं
कल न यह दिन होंगे न यह मेले
आज पापा के काँधे पर..नगर घूम आया करते हैं
खिलौनें तो जागीर हैं हमारी...