आत्मविश्वास
मन में आश , खुद पर विश्वास
जीवन की है यही एक दाश।
खुद को जाने, सबको पहचाने
जीवन में फिर कोई न अनजाने।
न कोई शिकवा, न कोई दोष
न कर खुद पर ऐसा आक्रोश।
खुद ही आशा, खुद ही निराशा
खुद ही मुहब्बत, खुद ही नफरत
खुद पर रख इतना विश्वास,
ताकि तेरे कदम चूमे तेरा मुकाम।
written by kashi roy
जीवन की है यही एक दाश।
खुद को जाने, सबको पहचाने
जीवन में फिर कोई न अनजाने।
न कोई शिकवा, न कोई दोष
न कर खुद पर ऐसा आक्रोश।
खुद ही आशा, खुद ही निराशा
खुद ही मुहब्बत, खुद ही नफरत
खुद पर रख इतना विश्वास,
ताकि तेरे कदम चूमे तेरा मुकाम।
written by kashi roy