तेरा चेहरा
मेरी यादों में
तेरा चेहरा
इस कदर धुंधला हो चला है
कि
तू सामने भी आ जाए
तो शायद
पहचान न पाऊँ ।
हाँ
कुछ अल्फाज़,कुछ अंदाज़
आज भी
उतने ही ताज़े हैं...
तेरा चेहरा
इस कदर धुंधला हो चला है
कि
तू सामने भी आ जाए
तो शायद
पहचान न पाऊँ ।
हाँ
कुछ अल्फाज़,कुछ अंदाज़
आज भी
उतने ही ताज़े हैं...