गज़ल
मन नहीं करता अब लिखने का
पर मन में खयाल बहुत हैं,
पूछते नहीं अक्सर चुप ही रहते हैं
पर दिल में सवाल बहुत हैं ।।
हां, रोज़...
पर मन में खयाल बहुत हैं,
पूछते नहीं अक्सर चुप ही रहते हैं
पर दिल में सवाल बहुत हैं ।।
हां, रोज़...