ढ़लती शाम
तुम्हारे जीने की ख्वाहिश मरने में बदल गयी
तेरे दिन का उजाला,शाम में ढ़ल गयी।
तेरे चेहरे की ओज को शरद निगल गयी।
तेरी खुशी...
तेरे दिन का उजाला,शाम में ढ़ल गयी।
तेरे चेहरे की ओज को शरद निगल गयी।
तेरी खुशी...