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तभी होगा नारी का सशक्तिकरण
जब सास को बहू बेटी सी भायेगी,
और बहू को भी सास में माँ नज़र आएगी,
जब ननद भाभी को सहेली सा पाएगी,
और भाभी ननद को बहन सा अपनायेगी,
जब होगा इन रिश्तों में होगा ऐसा अपनापन,
तभी होगा नारी का सशक्तिकरण ।

जब दहेज नहीं मांगा जायेगा,
और दहेज को अभिशाप माना जायेगा,
जब दुल्हन को ही लक्ष्मी जाना जाएगा,
और दुल्हन का पिता यथोचित सम्मान पायेगा,
जब बिना दहेज के होने लगेगा पाणिग्रहण,
तभी होगा नारी का सशक्तिकरण।

जब पति कहेगा पत्नी से,
तुम्हारे भी सपनों का पूरा होना है ज़रुरी,
नहीं तो मेरे साथ रहकर तुम रहोगी अधूरी,
जब मेरा सरनेम लगाना नहीं होगा तुम्हारी मजबूरी,
और तुम्हारे विचारों को व्यक्त होने की आज़ादी होगी पूरी,
जब मेरे व्यक्तित्व से नहीं होगा तुम्हारे व्यक्तित्व का दमन,
तभी होगा नारी का सशक्तिकरण ।

जब बेटी को गर्भ में ही मारा नहीं जाएगा,
और बेटा ना पैदा करने पर माँ को दुत्कारा नहीं जाएगा,
जब बेटी के शिक्षा के अधिकार को नकारा नहीं जाएगा,
और बाल विवाह करके उसका जीवन दुश्वारा नहीं जाएगा,
जब नहीं होगा बेटी के अधिकारों का हनन
तभी होगा नारी का सशक्तीकरण

जब अग्निपरिक्षा नहीं देगी केवल सीता,
और देर रात काम से लौटने पर नहीं कहलायेगी चरित्रहीन या पतिता,
जब उसके कपड़ों की लम्बाई नहीं नापेगा समाज की आँखों का फीता,
और केवल उस पर ही लागू नहीं होगी अचार संहिता,
जब सम्मानित नज़रों से देखा जायेगा उसका आचरण,
तभी होगा नारी का सशक्तिकरण ।

बहने लगी है बदलाव की बयार,
मुखर हो उठी है नारी,
नहीं सहेगी अब चुपचाप कोई भी वार,
औरत और मर्द का दर्जा अब होगा समान,
क्युंकि नारी सीख रही है करना खुद का सम्मान।

The Unsuccessful Poet