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अजनबी दीदार...🔥
तेरे दीदार को हम बरसों से तरसे हैं,
तुझे देखते ही हम सावन की तरह बरसे हैं
तन्हा बीत रही थी जिंदगी मेरी
इन तन्हाईयो का वास्ता जो तेरे घर से हैं
ऎ खुदा
ये वियोग की बेला बड़ा कहर ढाती हैं
मेरे आसुओ में बस वो ही नजर आती हैं
कैसा दर्द होता होगा उसकी रुह को
उसके चेहरे पर याद बनकर जो सताती हैं
एक बात पूछे खुदा!
ये प्यार आखिर क्या होता है
अगर होता हैं, तो कोई इसे क्यों खोता है
बहुत कम को हसते देखा है इसमें
हर आशिक-आशिकी में ही क्यों रोता है
जानता है जमाना कि प्यार दर्द का प्याला है
इस प्यार ने जीते जी कईयो को मार डाला हैं
जब सब जानते हैं लोग यहाँ
फ़िर क्यों कहते हो कि हर प्रेमी दिलवाला हैं
प्रेम तो आपकी ही मूरत हैं
कही दिखता हैं कान्हा तो
कही राधे की सूरत है
कलयुगी प्यार का प्रभाव तो देखिए
यहाँ हर किसी को बस खुद से जरूरत है
जरूरते पूरी हुई कि प्यार की शाम हुई
कभी कबीरा ,तो कभी मीरा बदनाम हुई
सोच समझकर करना साहेब ये प्यार मोहब्बत वाली बातें
लगता हैं अब सारे आम पैसे पे प्यार भी निलाम हुई
लगता हैं अब सारे आम पैसे पे प्यार भी निलाम हुई
😌😌😌🔥🔥🔥🙏🙏🙏
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