...

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मसीहा
तू है जब साथ तो फिर गम क्यों
तेरा हाथ थाम कर चलूंगा जिन्दगी भर
तू ही मेरा होसलां
तू ही मेरा चारों धाम
तू,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
1) बीन तेरे ना जीत पाऊँ गमों से मसीहा
कैसे कह दूँ नही प्यार अपनों से
हम साथ रहें हर पल तूझ मे
तेरा आशीष बरसता रहे हम पर मसीहा
तू,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
2) झूकता हूँ बस तेरे ही आगे ए मसीहा
चलता हूँ अंधियारों में तेरी ही रोशनी के सहारे
करता हूँ बस ये दुआ रात दिन
बनी रहे हम पर तेरी कृपा ए मसीहा
तू,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
3) करता हूँ तेरी आराधना दिलों जान से ए मसीहा
पास तेरे आकर ही तो जीया हूँ मै
हाथो मे हाथ तेरे देकर ही तो चला हूँ मैं
अपने कदमों के निशां पर ही मुझे हमेशा ए मसीहा
तू है जब साथ तो फिर गम क्यों
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sangeeta (kristila)
27/12/2020