आगे नहीं बढ़ पाई ....
आगे बढ़ने के लिए कदम बढ़ाती हूं,,,
डर कर वापस लौट आती हूं,,,
हाथ थाम कर किसी और का ,,तेरे ख्यालों संग फेरे न ले लूं,,,
आंखों में इंतज़ार तेरा हो और ,,
मंगलसुत्र किसी और के नाम का पहन लूं।।।
इन ख्यालों से डर कर दिल शादी को नहीं मानता,,,
वो शादी का लाल जोड़ा,वो रस्में,वो हल्दी,वो मेंहदी,,,
हर लड़की की बचपन से सजाई हुई ख्वाहिश होती हैं।।।।
ये ख्वाहिशें मेरी ,,मेरे अतीथ पर से मेरा हक छीन न ले,,,
इस डर से मैं आगे बढ़ कर...
डर कर वापस लौट आती हूं,,,
हाथ थाम कर किसी और का ,,तेरे ख्यालों संग फेरे न ले लूं,,,
आंखों में इंतज़ार तेरा हो और ,,
मंगलसुत्र किसी और के नाम का पहन लूं।।।
इन ख्यालों से डर कर दिल शादी को नहीं मानता,,,
वो शादी का लाल जोड़ा,वो रस्में,वो हल्दी,वो मेंहदी,,,
हर लड़की की बचपन से सजाई हुई ख्वाहिश होती हैं।।।।
ये ख्वाहिशें मेरी ,,मेरे अतीथ पर से मेरा हक छीन न ले,,,
इस डर से मैं आगे बढ़ कर...