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"जीवन"
जो बीत गया है
वो अब दौर न आयेगा !
इन गुजरती राहो पर
अब कोई और न आयेगा !
मेरी जिंदगी की बस
इतनी सी कहानी है !
ये जो थोड़ी सी राख है
उसे गंगा में बहानी है !
मिट्टी का ये
तन है!
मिट्टी में मिल जाना है !
पल भर साँसे है
और पल भर ही बिताना है |
© रविन्द्र "समय"
वो अब दौर न आयेगा !
इन गुजरती राहो पर
अब कोई और न आयेगा !
मेरी जिंदगी की बस
इतनी सी कहानी है !
ये जो थोड़ी सी राख है
उसे गंगा में बहानी है !
मिट्टी का ये
तन है!
मिट्टी में मिल जाना है !
पल भर साँसे है
और पल भर ही बिताना है |
© रविन्द्र "समय"
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