मेरा इश्क़
मुस्कुराने की वजह थी ही नहीं कोई और
हर रोज़ तेरे संग में टहलना था मेरा इश्क़
धड़कन की सदा सुनने की ज़िद थी उन्हें
नजरों में हया को पनाह दे बैठा मेरा इश्क़
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हर रोज़ तेरे संग में टहलना था मेरा इश्क़
धड़कन की सदा सुनने की ज़िद थी उन्हें
नजरों में हया को पनाह दे बैठा मेरा इश्क़
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