sita gambhir
निकले बरछे तीर कटार
कर उठी सीता करूण पुकार
आंखों से अंगारे बरसे
होठों से तीर ये
सीता हो गई गंभीर
कर उठी सीता करूण पुकार
आंखों से अंगारे बरसे
होठों से तीर ये
सीता हो गई गंभीर