अफसाने
कुछ यूँ है,
तेरे मेरे प्यार का अफसाना!
तू आया ना मुझ से मिलने,
ना आया कभी तेरा पैगाम,
मैं जलती रही तेरे प्रेम कि अग्नि में,
जैसे अँधेरी रात में घुलते वो जाम!
तेरा ना आना तडपाये मुझे,
तेरा आ के भी मुझे ना देखना रुलाये मुझे,
विरह की अग्नि में जलती मैं,
तेरे बिना चैन तक ना आए...
तेरे मेरे प्यार का अफसाना!
तू आया ना मुझ से मिलने,
ना आया कभी तेरा पैगाम,
मैं जलती रही तेरे प्रेम कि अग्नि में,
जैसे अँधेरी रात में घुलते वो जाम!
तेरा ना आना तडपाये मुझे,
तेरा आ के भी मुझे ना देखना रुलाये मुझे,
विरह की अग्नि में जलती मैं,
तेरे बिना चैन तक ना आए...