...

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इश्क़
इज़हार-ऐ-मोहब्बत तो सभी करते है
कुछ अलग है तो तुम बतलाओ
साथ जीने मरने की कसमों को छोड़ो
झुकी हो जब मेरी कमर तब की कहो,
यूँ ही मुश्कान से तेरी हो अपनी हर सुबह
सफेदी की चादर...