...

5 views

मुशायरा
कभी कहीं किसी मोड़ पर,
अचानक मिल गए तो,
आंखों में कुछ आंसू,
प्याले में जाम भर लेंगे,
सुरूर में भुला कर फ़ितूर,
नाकामियों का अपनी,
बेबाक मुजाहिरा कर लेंगे,
भूल जाएं उन लम्हों में,
अपने मुख़्तलिफ हालात,
यादों का ऐसा दायरा कर लेंगे,
बांट लेंगे थोड़ा दर्द थोड़ी शायरी,
कुछ पल मुशायरा कर लेंगे।
- राजेश वर्मा
© All Rights Reserved