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यादे
बीत चुके वो लम्हे
जो अब बहुत याद आते है
जीवनरूपी रेलगाड़ी में
कोई स्टेशन कभी लौटकर
दोबारा नही आते है।
दिल मे दस्तक देकर
आखो से निकल जाते है
जितना अधिक हम सोचते
उतना ही हमे वे सताते है
कोई पल दोबारा लौटकर न आते
बाकी उनके बस एहसास रह जाते है।
यादो के किस्से जब खुलते
कभी मुस्कुरा उठते तो कभी
गम में पड़ जाते है हम
उन पलों को महसूस करने के लिए
फिर से ललसा जाते है हम।
जो आज है
कल के लिए वह बस एक याद है
इसकी बारिश में भीगकर
अपने आज को जीना ही
भूल जाते है हम।
यादे
जीने का ज़रिया है
आखो का दरिया है
किसी को पाने की तड़प
तो किसी से बिझडने का गम
भी इसी में सिमटा है।
आज हम कहा
और हमारे अपने कहा
इन फसलों को जोड़ती लकीरे
है यादे।।...
जो बीते कल का एहसास दिला
हमारे आज को खुशनुमा बना दे।
इस दौर में मुस्कुराते वक्त
आँखे बंद कर जो याद आये
वो छल है यादे।..
जिसके किस्सो को लिखते वक्त
पन्ने भी कम पड़ जाए
वह किताब है यदि।..
जो अब मोबाइल की गैलरी
बन गए
वे अनुभव है यादे।।
हमारे आज की ठग
है यादे...... ।।।....
© IwriteWHATtheTruthIS
जो अब बहुत याद आते है
जीवनरूपी रेलगाड़ी में
कोई स्टेशन कभी लौटकर
दोबारा नही आते है।
दिल मे दस्तक देकर
आखो से निकल जाते है
जितना अधिक हम सोचते
उतना ही हमे वे सताते है
कोई पल दोबारा लौटकर न आते
बाकी उनके बस एहसास रह जाते है।
यादो के किस्से जब खुलते
कभी मुस्कुरा उठते तो कभी
गम में पड़ जाते है हम
उन पलों को महसूस करने के लिए
फिर से ललसा जाते है हम।
जो आज है
कल के लिए वह बस एक याद है
इसकी बारिश में भीगकर
अपने आज को जीना ही
भूल जाते है हम।
यादे
जीने का ज़रिया है
आखो का दरिया है
किसी को पाने की तड़प
तो किसी से बिझडने का गम
भी इसी में सिमटा है।
आज हम कहा
और हमारे अपने कहा
इन फसलों को जोड़ती लकीरे
है यादे।।...
जो बीते कल का एहसास दिला
हमारे आज को खुशनुमा बना दे।
इस दौर में मुस्कुराते वक्त
आँखे बंद कर जो याद आये
वो छल है यादे।..
जिसके किस्सो को लिखते वक्त
पन्ने भी कम पड़ जाए
वह किताब है यदि।..
जो अब मोबाइल की गैलरी
बन गए
वे अनुभव है यादे।।
हमारे आज की ठग
है यादे...... ।।।....
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