...

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किसने उकसाया तुम्हे?
कितना आसान है, ना ये,
बोलना तेरे लिए कि मार दो अपनी इच्छाएं।
कितना आसान है, ना तेरे लिए,
पहनाना नक़ाब इन ख़्वाहिशों को।
कितना आसान है, ना-
तेरे लिए यूं मुस्कुराना बिखरे मन से।

लेकिन यह जान लो, ऐ मेरे दिल
जिस दिन मेरी इच्छाएं मरने को बागी होंगी,
जिस दिन मेरा ये मन अपने फाटक बंद करेगा,...