...

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◆ एक अंत ऐसा भी ◆
मेरा पुस्तकालय प्रान्त है ,

मेरी कविताओं का ,,

ब्राउजर्स में महिलाएं भी थी !

पर कौन है किसने देखा -;

टूटे दिल और नीली कहानियों के पीछे

उस चुपचाप और हताश बैठे पुरुष को ??

अंत में रह जायेगा बस एक कामुक सिनेमा

जिसका अंत हुआ तो बस ,,

पछतावे के साथ !!


© निग्रह अहम् (मुक्तक )