दूर ना हुए.......2
हम यूहीं तुमसे दूर ना हुए,
खुद में मशहूर ना हुए
चाहत की रंगीन गलियों से
तन्हाई की ओर चले
मोहक सी इस मुस्कान में
राज दर्द के छिपाते चले
दिल के दिए हर मौके पर
हम बस पछताते चले
जिंदगी बना तुम्हें
हम यूहीं तुमसे दूर ना हुए
खुद में मशहूर ना हुए ....
हम आज भी याद करते हैं ,
अपनी उस पहली मुलाकात को
जिसमें हम दोनों ही ज़रा घबराए हुए थे
एक दूजे से नजरे चुराए हुए थे
संकोच में शब्दों पर लगी पहरेदारी थी
आँखों ने भी नजरे चुराने की रस्म निभाई थी
की बड़ी झिझक के साथ हमने
की बातों की शुरुआत थी
दो वादों के साथ की
आगे बढ़ने की तैयारी थी....
तब ना पता था हमें ,
जिन शब्दों को हम सच मान बैठे हैं
चेहरे की जिस मुस्कान को
हम अपना मान बैठे हैं
वही सबसे बड़ा धोखा है
तुम विश्वास करो मेरा
इसमें विश्वास ही खोटा है
उन आँखों में जो मान दिखा
वो बस चन दिनों का धोखा
हमारे दिल ने तुम्हें चाह कर
दिया खुद सजा को न्योता है .....
पर हकीकत जान भी हम
तुमसे जुदा ना हो सके
तुम्हारी बातों की ,
वादों की सच्चाई जान
हम फिर तुम्हारी बातों में आ फसे
तुम्हें अफसोस है तुम्हारी गलती का
सोच फिर से तुम्हें हम अपना बैठे
खुद को चोट पहुंचाने का
एक और मौका तुम्हें हम दे बैठे
इस दिल को, इसी बात पर बुद्धू बनाते रहे
हर घाव पर अपनी मुस्कान का
चाहत का मरहम लगाते रहे
हम खुद को दूर जाने से रोकने के
बहाने तलाशते रहे .....
पर अफसोस वो बातें,
फिर से निकली झूठी थी
तुमने फिर से की बेवफाई थी
शब्दों के झांसे में
एक बार और करी बेईमानी थी
कि फिर से आँखें नम थी हमारी
सवालों ने फिर से ली जिम्मेदारी
पर तुम्हारी बातों ने
दिल के एहसासों ने
हमें हमसे था चुरा लिया
कि हर बार खुद को मना
हमने तुमको था अपना लिया .....
पर शायद इस भाव को ही तुम
हमारी कमज़ोरी समझ बैठे
जो तुम बार-बार गलत करते रहे
हम तुम्हें अपनाते रहे
पर अफसोस तुम्हें वो दूरी ना दिखी
हमारे बर्दाश्त के हद की सीमा ना दिखी
जो उस रोज तुमने थी लांग दी
जो साथ निभाने के एहसास को
कहीं तहखाने में दबा आई
दूर ना जाने की बेड़ियों को तोड़
हमें कारण जाने के देती रही
जो अनदेखा किया था अरसे से
उसे बार- बार दिखाती रही
तुम्हारी बेरुखी ,
इरादों को मजबूत बनाती रही
तुम्हें अफसोस नहीं किसी बात का
ये बातें तुम्हारी कहती रही
दूरियों की ओर कदमों को
बढ़ाती रही .....💔💔💔💔
हम यूँही ना दूर हुए तुमसे
दूर जाने के हैं कई किस्से.....
************
खुद में मशहूर ना हुए
चाहत की रंगीन गलियों से
तन्हाई की ओर चले
मोहक सी इस मुस्कान में
राज दर्द के छिपाते चले
दिल के दिए हर मौके पर
हम बस पछताते चले
जिंदगी बना तुम्हें
हम यूहीं तुमसे दूर ना हुए
खुद में मशहूर ना हुए ....
हम आज भी याद करते हैं ,
अपनी उस पहली मुलाकात को
जिसमें हम दोनों ही ज़रा घबराए हुए थे
एक दूजे से नजरे चुराए हुए थे
संकोच में शब्दों पर लगी पहरेदारी थी
आँखों ने भी नजरे चुराने की रस्म निभाई थी
की बड़ी झिझक के साथ हमने
की बातों की शुरुआत थी
दो वादों के साथ की
आगे बढ़ने की तैयारी थी....
तब ना पता था हमें ,
जिन शब्दों को हम सच मान बैठे हैं
चेहरे की जिस मुस्कान को
हम अपना मान बैठे हैं
वही सबसे बड़ा धोखा है
तुम विश्वास करो मेरा
इसमें विश्वास ही खोटा है
उन आँखों में जो मान दिखा
वो बस चन दिनों का धोखा
हमारे दिल ने तुम्हें चाह कर
दिया खुद सजा को न्योता है .....
पर हकीकत जान भी हम
तुमसे जुदा ना हो सके
तुम्हारी बातों की ,
वादों की सच्चाई जान
हम फिर तुम्हारी बातों में आ फसे
तुम्हें अफसोस है तुम्हारी गलती का
सोच फिर से तुम्हें हम अपना बैठे
खुद को चोट पहुंचाने का
एक और मौका तुम्हें हम दे बैठे
इस दिल को, इसी बात पर बुद्धू बनाते रहे
हर घाव पर अपनी मुस्कान का
चाहत का मरहम लगाते रहे
हम खुद को दूर जाने से रोकने के
बहाने तलाशते रहे .....
पर अफसोस वो बातें,
फिर से निकली झूठी थी
तुमने फिर से की बेवफाई थी
शब्दों के झांसे में
एक बार और करी बेईमानी थी
कि फिर से आँखें नम थी हमारी
सवालों ने फिर से ली जिम्मेदारी
पर तुम्हारी बातों ने
दिल के एहसासों ने
हमें हमसे था चुरा लिया
कि हर बार खुद को मना
हमने तुमको था अपना लिया .....
पर शायद इस भाव को ही तुम
हमारी कमज़ोरी समझ बैठे
जो तुम बार-बार गलत करते रहे
हम तुम्हें अपनाते रहे
पर अफसोस तुम्हें वो दूरी ना दिखी
हमारे बर्दाश्त के हद की सीमा ना दिखी
जो उस रोज तुमने थी लांग दी
जो साथ निभाने के एहसास को
कहीं तहखाने में दबा आई
दूर ना जाने की बेड़ियों को तोड़
हमें कारण जाने के देती रही
जो अनदेखा किया था अरसे से
उसे बार- बार दिखाती रही
तुम्हारी बेरुखी ,
इरादों को मजबूत बनाती रही
तुम्हें अफसोस नहीं किसी बात का
ये बातें तुम्हारी कहती रही
दूरियों की ओर कदमों को
बढ़ाती रही .....💔💔💔💔
हम यूँही ना दूर हुए तुमसे
दूर जाने के हैं कई किस्से.....
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