15 views
अंधेरा
मैं बंद पड़ा था कमरे मैं
दिया जलाने जरूर आना
रूठे हुए तकदीर को जरूर मिलवाना
सुना है रोते हुए को हसाया है
सोचा अंधेरे के उजाले मैं
लो अजमा लिए खुद को
अब बस मुझे और न रुलाना
मैं बंद और रूठा था कमरे मैं
सोचा और समझ था अंदर मैं
बेवक्त ही रूठा और समझ था अंदर मैं
सोता हुआ रोया था जेहन मैं
मैं बंद पड़ा था कमरे मैं
© rsoy
दिया जलाने जरूर आना
रूठे हुए तकदीर को जरूर मिलवाना
सुना है रोते हुए को हसाया है
सोचा अंधेरे के उजाले मैं
लो अजमा लिए खुद को
अब बस मुझे और न रुलाना
मैं बंद और रूठा था कमरे मैं
सोचा और समझ था अंदर मैं
बेवक्त ही रूठा और समझ था अंदर मैं
सोता हुआ रोया था जेहन मैं
मैं बंद पड़ा था कमरे मैं
© rsoy
Related Stories
15 Likes
3
Comments
15 Likes
3
Comments