...

14 views

वजन

गम का ऐसा कपड़ा नहीं बन पाऊँगा मियां कभी,
हँसता हुआ चेहरा नहीं बन पाऊँगा मियां कभी।

मुझको अजाबो का नहीं परवाह पर यारो वहाँ,
सब हूँ मगर खुद सा नहीं बन पाऊँगा मियां कभी।

वो आज भी मुझको युहीं देखता सभी गिला भुला,
सर बन गया साला नहीं बन पाऊँगा मियां कभी।

मेरी कहानी पढ़ने पर समझोगे तुम सबका यहाँ,
कांटा हुआ रास्ता नहीं बन पाऊँगा मियां कभी।

शायद ये भी एक बात हो बस झूठ कहीं किसी जहां,
तो क्या यहाँ उसका नहीं बन पाऊँगा मियां कभी।
© Lavkush Gupta